दुनिया में सबसे प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदाय माने जा रहे म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह जिस भी देश में शरण ले रहे हैं, वहां उन्हें हमदर्दी की बजाय आंतरिक सुरक्षा के खतरे के तौर पर देखा जा रहा है . बेहद गरीब, वंचित रोहिंग्या समुदाय पर
आतंकवादियों से कनेक्शन का आरोप लगता रहा है. इसी वजह से अन्य देश भी इन्हें शरण देने को राजी नहीं. सरकार भी अपने यहां रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा मानती है.
इन मुसलमानों ने अपना आतंकि ग्रुप भी बना चुका बताया जा रहा है . कई लोग बताते है कि इन मुसलमानों को अपने देश में शरण देनेका मतलब साँप को दुध पिलाने के बराबर है.
विडियो देखे, और साबधान रहे .
आतंकवादियों से कनेक्शन का आरोप लगता रहा है. इसी वजह से अन्य देश भी इन्हें शरण देने को राजी नहीं. सरकार भी अपने यहां रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा मानती है.
इन मुसलमानों ने अपना आतंकि ग्रुप भी बना चुका बताया जा रहा है . कई लोग बताते है कि इन मुसलमानों को अपने देश में शरण देनेका मतलब साँप को दुध पिलाने के बराबर है.
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