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Saturday, 1 July 2017

हिन्दु शादी के  रिवाजो मे छुपे है ये  वैज्ञानिक रहस्य !


हिन्दु शादियों में होने वाली रस्मों को स्वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है। शादी में मेंहदी लगाने से लेकर फेरों तक का अपना अलग-अलग महत्व होता हैं।
हिन्दु शादियों में कई तरह-तरह की रस्में निभाई जाती हैं, ये परंपरायें बहुत पुरानी भी हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं लेकिन इन रस्मों के पीछे कई वैज्ञानिक रहस्य भी छुपे हैं। हिन्दु शादियों में होने वाली रस्मों को
स्वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है। शादी में मेंहदी लगाने से लेकर फेरों तक के अपने-अपने महत्व हैं। 


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हिन्दू शादियों में होने वाली रस्में




  • हाथों में मेंहदी लगाना

    • शादी से पहले लड़की के हाथों में मेंहदी लगाई जाती है। मेहंदी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। मेंहदी में ठंडक प्रदान करने का गुण होता है जो वर वधू को तनाव, सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याओं से आराम दिलाता है। इसके अलावा मेंहदी कई प्रकार क वायरल और फंगल संक्रमण से बचाता भी है।



  • 3

    हल्दी लगाने की परंपरा



  • हल्दी ऐसा मसाला है जिसमें कई तरह के गुण होते हैं। शादी से पहले वधू के चेहरे पर हल्दी लगाने की रस्मे होती है, इससे चेहरे पर निखार आता है। इस दौरान हल्दी का लेप पूरे शरीर पर भी लगाया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी हल्दी को चमत्कारिक जडी-बूटी कहा है, क्योंकि इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। हल्दी त्वचा के बैकटीरिया को नष्ट कर त्वचा में निखार लाता है।

  • 4

    चूडि़यां पहनना

    शादी के वक्त वधू के दोनों हाथों में चूडि़यां पहनाई जाती हैं। कलाईयों में कई एक्युप्रेशर पॉइंट्स होते हैं, चूड़ी पहनने पर इन पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है जो आपको स्वस्थ रखने में सहायक होता है। इसके साथ चूड़ियों और त्वचा के बीच होने वाला घर्षण रक्त संचार सुचारु करता है।

  • 5

    मांग में सिन्दूर भरना
    हिंदू रीति-रिवाजों में महिलाओं के मांग में सिन्दूर का बड़ा महत्व है। यह स्त्री के शादी-शुदा होने की निशानी है।इसके अलावा यह स्वास्‍थ्‍य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें हल्दी, चूना, कुछ धातु और पारा होता है। जब वधू की मांग में सिन्दूर भरा जाता है तो पारा शरीर को ठंडक प्रदान करता है तथा शरीर को आराम महसूस होता है।



  • 6

    बिछुए पहनना


  • हिंदू धर्म में शादी के दौरान वधू के पैरों में बिछुए पहनाये जाते हैं। इसके भी कई वैज्ञानिक कारण हैं। पैर की दूसरी उंगली में एक विशेष नस होती है जो गर्भाशय से गुजरती है तथा हृदय तक जाती है। बिछुए गर्भाशय को मजबूत बनाते हैं तथा मासिक धर्म को नियमित करते हैं। बिछुए चांदी के बने होते हैं जो ध्रुवीय उर्जा को पृथ्वी से शरीर में स्थानांतरित करती हैं।

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    अग्नि के फेरे लेना
    अग्नि को पवित्र माना जाता है और इसके चारों तरफ फेरे लेकर वर-वधू एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लेते हैं। दरअसल आग आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है, यह नकारात्मक उर्जा को दूर कर सकारात्मकता फैलाती है। इसके साथ जब अग्नि में विभिन्न प्रकार की लकडि़यां, घी, चावल, के साथ दूसरी वस्तुंएं डाली जाती हैं तब आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। इससे आसपास मौजूद लोगों खासकर वर-वधू पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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