आर्य समाज क्यों ---?
![]() |
मा.सुबेदार जी |
क्रांति असफल हुई स्वामी जी को लगा यह कैसे हुआ उन्हे ध्यान मे आया कि इसमे ब्रंहासमाज जो चर्च के इशारे पर काम कर रहा है स्वामी जी सीधे कलकत्ता ब्रह्मासमाज के मुख्यालय पहुच गए, ब्रह्म समाज के अध्यक्ष 'केशवचंद सेन' से भेट के पश्चात एक सभा मे स्वामीजी स्वराज्य की बात की उनका दृढ़ मत था बिना स्वराज्य के स्वधर्म बेमानी है, यह समाचार वायसराय के पास पहुचा उसने स्वामी जी के दर्शन की इक्षा प्रकट की गाड़ी भेजा पहली ही भेट मे उसके पुछने पर स्वामी जी ने स्वराज्य यानी अंग्रेजों के शासन को समाप्त करना सीधे 'वायस राय' से कहना यह स्वामी दयानन्द सरस्वती ही कह सकते थे। आगे पढें