तिब्र गति से फैलता धर्म परिवर्तनको रोक्ने के लिए नेपाल सरकार ने कडा कानुन बनाया है । २०६२/२०६३ के जन आन्दोलन पश्चात धर्म निरिपेक्ष की आड में नेपाल के अन्दर भयावह तौर से बढता धर्म परिवर्तनको अब संगीन अपराध माना जायेगा और इस में संलग्न अपराधीयोंको कडी
सजाका भागिदार बनना होगा ।
नेपाल सरकार ने धर्मपरिवर्तनको फौजदारी अपराध बनाने के पश्चात कानुन के एक दफा के मुताबिक कोई भी व्यक्ति/संगठन धर्मान्तरण में संलग्न अथवा प्रोत्साहन नहीं कर सकता ।
धर्मान्तरण में संलग्न व्यक्तिको पाँच वर्ष कि कारावास सजाय और पचास हजार नेपाली रुपयों तक की जुर्माना कीे व्यवस्था किया गया है । विदेशी नागरिकोंको धर्मपरिवर्तन संलग्न देखा जाने पर कारावास काटने के सात दिन के अन्दर देशनिकाला किया जानेका प्रावधान है ।
लम्बे समय तक हिन्दू अधिराज्य के रूप में रहे नेपालको धर्मनिरपेक्षता घोषणा करने के एक दशक बाद नयाँ संविधान घोषणा किया गया । नयाँ संविधान घोषणा के दो बर्ष बाद इस तरहका कानुन बनाया गया है ।
अनियन्त्रित एवं बढते धर्मान्तरण से नेपाली मूल संस्कृति और सभ्यताको विनाश कर देश में धार्मिक उपनिवेशका खतरा बढा हुआ था । यह कोई एक धर्म, जात या समुदाय विशेष की समस्या नही बल्कि सम्पूर्ण देश समस्या थी । यह कानुन से धर्मान्तर कुछ हद तक रूकने की आश है ।
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