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Monday, 23 October 2017

धर्मवीर पाल अब नहीं उठा पाएगें बाउंड्री से बॉल

नई दिल्ली : पोलिया से प्रभावित धर्मवीर पाल को टीम इंडिया के बहुत बड़े फैन हैं. वह कई सालों से बाउंड्री पर देखा जाता है. अधिकांश लोग उसे पहचानते हैं. लेकिन अब वह बॉल ब्वॉय के रूप में दिखाई नहीं देंगे. वह स्टेडियम में स्टेंड्स पर बैठकर मैच देख सकेंगे. अब वह सीमापर गेंद उठाते हुए नहीं दिखाई देंगे. गौरतलब है कि सोशल मीडिया में इस बात की कड़ी आलोचना हो रही थी कि एक पोलियो से प्रभावित व्यक्ति से गेंद उठाकर लाने काम लिया जा रहा है. लिहाजा इंडियन क्रिकेट बोर्ड ने एक सर्कुलर भेज कर यह साफ कर दिया है कि अब धर्मवीर को बॉल ब्वॉय के रूप में इस्तेमाल न किया जाए. 

बायें हाथ पर टैटू गुदवाए धर्मवीर कहते हैं, क्रिकेट मेरे जीवन का आधार है. धर्मवीर बहुत से क्रिकेटरों को जानते हैं. 2013 में सचिन तेंदुलकर के फेयरवेल टेस्ट भी वह बाउंड्री पर मौजूद थे. यहीं सचिन धर्मवीर और एक अन्य क्रिकेट फैन सुधीर कुमार गौतम से मिले थे. गौतम अपने पूरे शरीर पर तिरंगा पेंट कराकर मैच देखते हैं. सचिन ने इनसे कहा था, तुम लोगों की वजह से ही हम क्रिकेट खेलते हैं. इंडियन क्रिकेट को तुम्हारे जैसे फैन्स की जरूरत है.
युवराज सिंह ने एक बार धर्मवीर के बारे में कहा था, एक दिव्यांग के भीतर क्रिकेट का इतना जुनून देखकर हमें भी उसकी मदद करनी चाहिए. वह हमेशा हमारे मैच देखने आते हैं. लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के साथ संपन्न हुई वन डे सीरीज के बाद बीसीसीआई को टैग करके यह सवाल उठने लगे थे कि एक फिजिकली चैलेंज्ड लड़के को बॉल ब्वाय क्यों रखा गया है. सोशल मीडिया पर यह भी लिखा गया कि आपने पोलियो से प्रभावित एक व्यक्ति को सीमा पर क्यों खड़ा किया हुआ है?

इसके बाद बीसीसीआई के जनरल मैनेजर (गेम डेवलपमेंट) रत्नाकर शेट्टी ने सभी राज्यों की एसोसिएशंस को यह सलाह दी है कि न्यूजीलैंड बनाम इंडिया और श्रीलंका बनाम इंडिया के गेंम्स में किसी भी दिव्यांग को सीम पर बॉल ब्वॉय न बनाया जाए. शेट्टी ने लिखा कि अंतरराष्ट्रीय मैचों में राज्य ईकाइयों द्वारा दिव्यांगों को बॉल ब्वॉय बनाने की हमारी आलोचना हो रही थी. उन्होंने आगे लिखा, आप सब लोगों को यह सलाह है कि आगे से किसी भी दिव्यांग का इस्तेमाल बॉल ब्वॉय के रूप में न हो. उन्हें स्टेडियम में बैठने के लिए उचित जगह दी जाए.  

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