सुबोध कुमार यादव |
भविष्य पुराण में इस्लाम के
बारे में.. भविष्य पुराण में इस्लाम के
बारे में मुहम्मद के जन्म से भी कई हज़ार वर्ष पहले बता दिया गया था। लिंड्गच्छेदी शिखाहीनः
श्मश्रुधारी सदूषकः। उच्चालापी
सर्वभक्षी भविष्यति जनोमम।।25।। विना कौलं च पश्वस्तेषां भक्ष्या मतामम। मुसलेनैव संस्कारः कुशैरिव
भविष्यति ।।26।। तस्मान्मुसलवन्तो हि जातयो
धर्मदूषकाः। इति पैशाचधर्मश्च भविष्यति
मया कृतः ।। 27।। (भविष्य पुराण पर्व 3, खण्ड 3, अध्याय 1, श्लोक 25, 26, 27) 5 हज़ार वर्ष पहले भविष्य
पुराण में
स्पष्ट लिखा है। इसका हिंदी अनुवाद: रेगिस्तान की धरती पर एक "पिशाच" जन्म लेगा जिसका नाम महामद होगा, वो एक ऐसे धर्म की नींव रखेगा जिसके कारण मानव जाति त्राहि माम कर उठेगी। वो असुर कुल सभी मानवों को समाप्त करने की चेष्टा करेगा। उस धर्म के लोग अपने लिंग के अग्रभाग को जन्म लेते ही काटेंगे, उनकी शिखा (चोटी ) नहीं होगी, वो दाढ़ी रखेंगे पर मूँछ नहीं रखेंगे। वो बहुत शोर करेंगे और मानव जाति को नाश करने की चेष्टा करेंगे। राक्षस जाति को बढ़ावा देंगे एवँ वे अपने को मुसलमान कहेंगे। और ये असुर धर्म कालान्तर में स्वतः समाप्त हो जायेगा। *********************************************************** यदि यह श्लोक और इसका अनुवाद सत्य है तो मानना पडेगा कि कम से कम आज के संदर्भ में यह बिलकुल फिट बैठता है विशेषकर आई एस, तालिबान और बोको हराम के संदर्भ में । मुझे आश्चर्य है कि इतना महत्वपूर्ण ग्रन्थ जिसने इतने समय पूर्व इतनी स्टीक और स्पष्ट भविष्यवाणियां की हुई है, दुनियां की नजरों से ओझल क्यों रहा है ? जबकि इसके विपरीत नास्त्रादेमस की भविष्यवाणिया जो अस्पष्ट, असत्य व भ्रम में डालने वाली है दुनियां भर में ख्याति पा गई है ।
स्पष्ट लिखा है। इसका हिंदी अनुवाद: रेगिस्तान की धरती पर एक "पिशाच" जन्म लेगा जिसका नाम महामद होगा, वो एक ऐसे धर्म की नींव रखेगा जिसके कारण मानव जाति त्राहि माम कर उठेगी। वो असुर कुल सभी मानवों को समाप्त करने की चेष्टा करेगा। उस धर्म के लोग अपने लिंग के अग्रभाग को जन्म लेते ही काटेंगे, उनकी शिखा (चोटी ) नहीं होगी, वो दाढ़ी रखेंगे पर मूँछ नहीं रखेंगे। वो बहुत शोर करेंगे और मानव जाति को नाश करने की चेष्टा करेंगे। राक्षस जाति को बढ़ावा देंगे एवँ वे अपने को मुसलमान कहेंगे। और ये असुर धर्म कालान्तर में स्वतः समाप्त हो जायेगा। *********************************************************** यदि यह श्लोक और इसका अनुवाद सत्य है तो मानना पडेगा कि कम से कम आज के संदर्भ में यह बिलकुल फिट बैठता है विशेषकर आई एस, तालिबान और बोको हराम के संदर्भ में । मुझे आश्चर्य है कि इतना महत्वपूर्ण ग्रन्थ जिसने इतने समय पूर्व इतनी स्टीक और स्पष्ट भविष्यवाणियां की हुई है, दुनियां की नजरों से ओझल क्यों रहा है ? जबकि इसके विपरीत नास्त्रादेमस की भविष्यवाणिया जो अस्पष्ट, असत्य व भ्रम में डालने वाली है दुनियां भर में ख्याति पा गई है ।