जीवन शैली - Terai Today

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जीवन शैली

अव्यवस्थित और भागदौड़ वाली दिनचर्या के बीच बढ़ती उम्र में जोड़ों का दर्द आम समस्या हो गई है। समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह दर्द दिनों दिन और भी गंभीर हो जाता है खासकर बूढ़ों लोगों के लिए। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि चोट और एलर्जी या संक्रमण, लेकिन आजकल खानपान में बदलाव के कारण भी शरीर में केल्शियम की कमी हो जाती हे जिससे गुटनो में दर्द शरू हो जाता है।

कुछ घरेलु नुस्खे आपको जोड़ो से छुटकारा दिला सकते है।
# लहसुन का उपयोग भी शरीर की कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है,जोड़ो के दर्द को ठीक करने के लिए यह बहुत उपयोगी है। लहसुन में सेलेनियम और सल्फर पाया जाता है। ये दोनों तत्व जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक होते है।

ऐसे करें इस्तेमाल
सबसे पहले तो अपने डाइट में लहसुन को शामिल करें। फिर  लहसुन के तेल से दर्द वाली जगह पर मालिश  करें। २  लहसुन की कलियां और २  टेबलस्पून सरसों का तेल को अच्छे से गर्म कर लें और ठंडा होने पर दर्द होने पर मालिश करे।


अदरक जोड़ों के दर्द के लिए अदरक बहुत ही फायदेमंद है। अदरक की तासीर गर्म होने के कारण यह दर्द वाले स्थान पर आराम पहुचता है।

ऐसे  करे इस्तेमाल
रोजाना अपने भोजन के साथ अदरक का पाऊडर खाएं। इसके अलावा अदरक तेल से जोड़ों की मालिश करें। जोड़ो  के साथ गले में कफ और खराश की शिकायत होने पर भी अदरक बहुत उपयोगी। जीरे के बीज, काली मिर्च और अदरक को पीस लें। 1/2 चम्मच इस मिश्रण को पानी के साथ खाएं। दिन में तीन बार इसका सेवन करें।
# प्याज में विटामिन सी पाया जाता है जो जोड़ों के दर्द को कम करता है। इसका सेवन करने से इम्यून सिस्टम में सुधार आता है।

ऐसे करें इस्तेमाल 
प्याज को जड़ों समेत पकाएं और सलाद के रूप में खाएं। और अपने भोजन के साथ कच्चा प्याज का सेवन करें। इस तरह प्याज का इस्तेमाल शरीर के अंदर पहुच कर  शरीर में जोड़तोड़ के दर्द को काम करता है।
# हल्दी हर रोग के फायदेमंद मानी  जाती हे।  पुराने ज़माने में भी हल्दी के उपयोग से लोग स्वस्थ्य लाभ लेते आए है। हल्दी में करक्यूमिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

ऐसे करें इस्तेमाल
हल्दी को एक गिलास गर्म पानी में 1 टीस्पून हल्दी मिलाकर रात को पीएं। आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा शहद मिला सकती है। हल्दी को 2 कप पानी को उबाल कर उसमें 1/2 टीस्पून अदरक और हल्दी मिलाकर पीएं। इससे आराम मिलेगा।

नीम-दही का फेस मास्क !!


हेल्थ डेस्क। जवानी की देहलीज पर कदम रकते ही चेहरे के दाग-धब्बे और मुंहासों के निशान के कारण आपको शर्मिदगी महसूस होती है। और इनसे बचने के लिए सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग कर-करके आप थक चुके हैं। लेकिन फिर भी यह दाग-धब्बे हटाने का नाम नहीं ले रहे तो परेशान न हो। घर में बने इस पेस्ट पर एक नजर डालिए। जो आपके चेहरे के सारे दाग-धब्बे दूर कर देगा।
नीम और दही का मास्क 
यह पेस्ट आपके लिए बहुत मददगार है, और वो भी फ्री में अब आप यह कहेंगे कि फ्री कैसे तो हम आपको बता दें कि इस पेस्ट को बनाने के लिए थोड़े से दही और कुछ नीम की पत्तियों की जरूरत होती है। दही तो आपके घर में उपलब्ध ही होता है और नीम की पत्तियां आपको आसानी से घर के आस-पास मौजूद पेड़ से मिल जाएगी। घर में बना नीम और दही का मास्क आपकी इस समस्या को ठीक कर सकता है। यह मास्क बिना किसी साइड इफेक्ट और बिना पैसे के आसानी से आपकी समस्या को दूर करता है। क्योंकि यह चीजें आपको आसानी से आपके घर में ही मिल जाएगी।
दाग के लिए नीम और दही ही क्यों
पुराने जमाने से ही दही का प्रयोग सुंदरता निखारने के लिये किया आता जा रहा है। दही में प्रोटीन, विटामिन और प्रोबायोटिक्स होते हैं जो सेहत और सुंदरता दोनों के लिये ही अच्छे होते है। यह स्किन सेल्स को जरूरी पोषण देते हैं। इससे स्किन का ग्लो बढ़ता है। दही दूध का बना होता है इसलिए इसमें भी लैक्टिक एसिड होता है जो ब्लीचिंग एजेन्ट का काम करता है। इसके अलावा नीम में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे के सारे दाग दूर हो जाते हैं। और अगर दही और नीम को मिला लिया जाये फिर तो क्या कहना।
नीम और दही के पेस्ट के लिए सामग्री
नीम की पत्तियां- 15-20
दही – 2 चम्मच
पानी – 2 चम्मच
कैसे बनाएं पेस्ट: सबसे पहले नीम की पत्तियों को अच्छे से धो ले फिर उसे पिस कर दही में मिला ले।  इस तरह बना घोल आपकी लिए एक अच्छा फेस मास्क बन जाएगा।


हिन्दु शादी के  रिवाजो मे छुपे है ये  वैज्ञानिक रहस्य !


हिन्दु शादियों में होने वाली रस्मों को स्वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है। शादी में मेंहदी लगाने से लेकर फेरों तक का अपना अलग-अलग महत्व होता हैं।

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हिन्दू शादियों में होने वाली रस्में

हिन्दु शादियों में कई तरह-तरह की रस्में निभाई जाती हैं, ये परंपरायें बहुत पुरानी भी हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं लेकिन इन रस्मों के पीछे कई वैज्ञानिक रहस्य भी छुपे हैं। हिन्दु शादियों में होने वाली रस्मों को स्वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है। शादी में मेंहदी लगाने से लेकर फेरों तक के अपने-अपने महत्व हैं। 


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    हाथों में मेंहदी लगाना

    • शादी से पहले लड़की के हाथों में मेंहदी लगाई जाती है। मेहंदी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। मेंहदी में ठंडक प्रदान करने का गुण होता है जो वर वधू को तनाव, सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याओं से आराम दिलाता है। इसके अलावा मेंहदी कई प्रकार क वायरल और फंगल संक्रमण से बचाता भी है।




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    हल्दी लगाने की परंपरा



  • हल्दी ऐसा मसाला है जिसमें कई तरह के गुण होते हैं। शादी से पहले वधू के चेहरे पर हल्दी लगाने की रस्मे होती है, इससे चेहरे पर निखार आता है। इस दौरान हल्दी का लेप पूरे शरीर पर भी लगाया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी हल्दी को चमत्कारिक जडी-बूटी कहा है, क्योंकि इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। हल्दी त्वचा के बैकटीरिया को नष्ट कर त्वचा में निखार लाता है।

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    चूडि़यां पहनना

    शादी के वक्त वधू के दोनों हाथों में चूडि़यां पहनाई जाती हैं। कलाईयों में कई एक्युप्रेशर पॉइंट्स होते हैं, चूड़ी पहनने पर इन पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है जो आपको स्वस्थ रखने में सहायक होता है। इसके साथ चूड़ियों और त्वचा के बीच होने वाला घर्षण रक्त संचार सुचारु करता है।


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    मांग में सिन्दूर भरना
    हिंदू रीति-रिवाजों में महिलाओं के मांग में सिन्दूर का बड़ा महत्व है। यह स्त्री के शादी-शुदा होने की निशानी है।इसके अलावा यह स्वास्‍थ्‍य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें हल्दी, चूना, कुछ धातु और पारा होता है। जब वधू की मांग में सिन्दूर भरा जाता है तो पारा शरीर को ठंडक प्रदान करता है तथा शरीर को आराम महसूस होता है।



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    बिछुए पहनना


  • हिंदू धर्म में शादी के दौरान वधू के पैरों में बिछुए पहनाये जाते हैं। इसके भी कई वैज्ञानिक कारण हैं। पैर की दूसरी उंगली में एक विशेष नस होती है जो गर्भाशय से गुजरती है तथा हृदय तक जाती है। बिछुए गर्भाशय को मजबूत बनाते हैं तथा मासिक धर्म को नियमित करते हैं। बिछुए चांदी के बने होते हैं जो ध्रुवीय उर्जा को पृथ्वी से शरीर में स्थानांतरित करती हैं।

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    अग्नि के फेरे लेना
    अग्नि को पवित्र माना जाता है और इसके चारों तरफ फेरे लेकर वर-वधू एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन लेते हैं। दरअसल आग आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है, यह नकारात्मक उर्जा को दूर कर सकारात्मकता फैलाती है। इसके साथ जब अग्नि में विभिन्न प्रकार की लकडि़यां, घी, चावल, के साथ दूसरी वस्तुंएं डाली जाती हैं तब आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। इससे आसपास मौजूद लोगों खासकर वर-वधू पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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